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इस मुसलमान व्यक्ति के अंदर धड़क रहा है हिंदू दिल, मां से बोला- मेरे घर पूजा-पाठ करो… और फिर माँ ने जो किया जानकर रह जाओगे दंग
इस मुसलमान आदमी के अंदर धड़क रहा है हिंदू दिल
गुजरात के आणंद में रहने वाले सोहेल का वर्ष 2017 में एक हादसे में ब्रेन डेड हो गया था। अस्पताल की कहानी यहीं समाप्त नहीं होती और यहीं से आपको मजहब की अलग ही मोहब्बत सुनने को मिलेगी। इसमें अमित की मां सोहेल को अपना बेटा मान लेती हैं और सोहेल भी इकरार करता है वो उसके पास रहने आया है। घर में खाना भी उनके तरीके से बनेगा और इबादत के साथ-साथ पूरे रीति-रिवाज से पूजा भी होगी। ये कोई फिल्म कहानी नहीं है बल्कि हक़ीकत है। साल 2001 में सोहेल के सीने में तेज दर्द हुआ और उसको लगा कि खाने की वजह से उसे बदहजमी हो गई है। वो काम में लग गया मगर मिनटों में दर्द फिर शुरु हो जाए। पसीने से नहाया हुआ जैसे-तैसे एक साथी के पास पहुंचा और फिर अस्पताल गया। वहां ऐसी खबर मिली कि उसके होश उड़ गए। डॉक्टर ने दोबारा चेकअप किया तो पक्का यकीन हो गया।वो बीमार था और उसकी सांस फूलती थी। कुछ भी करता दम घुटने लगता और बेचैनी सी होने लगती। पक्का कारोबारी सोहेल को एक दिन अपनी दुकान बेचनी पड़ी और दूसरी शॉप में काम के लिए स्टाफ रखना पड़ा था। वो घर में रहने लगा और दवाएं खाकर यही सोचता था कि क्या वो ठीक हो जाएगा।
साल 2005 से 2017 तक वो आणंद से बाहर नहीं गया और जा भी नहीं सकता था क्योंकि यदि वो गया तो लौट के नहीं आ पाएगा ऐसा उसे बताया गया था। सोहेल को दिल की बीमारी थी और उसे कहीं भी बाहर जाना मना था और जब उसकी मां को पता चला तो बहुत रोई मगर उसे छोड़कर नहीं गई। उसी हिम्मत के कारण सोहेल आज भी जिंदा है। दिल की बीमारी सर्दी बुखार से अलग होती है और सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि इसमें सांस लेने के लिए कोशिश करनी पड़ती है। दवाओं के सहारे रहा लेकिन वो ठीक होने लगा। उसने शादी की और पत्नी की सलाह से एक बच्ची गोद ले ली जिसका नाम हुमा रखा था। फिर एक दिन जब परेशानी अधिक बढ़ी तो वे लोग अहमदाबाद गए और डॉक्टर ने कहा कि केवल हार्ट ट्रांसप्लांट ही इनकी जान बचा सकता है। बिना जवाब दिए सोहेल अपनी पत्नी के साथ लौट आया लेकिन दिन पर दिन वो बीमार पड़ रहा था। फिर साल 2017 में उसके बीमार दिल को हटाकर एक जवान दिल लगाना ही पड़ा। सोहेल को पता चला कि ये दिल किसी अमित नाम के नौजवान का दिल है जिसकी मौत हो गई है। उसे अमित की मां की याद सताने लगी और जब वो सोता था तो उसे अमित की मां दिखाई देती थीं। ऐसा अक्सर फिल्मों में दिखाया जाता है मगर ये सब सोहेल के साथ हो रहा था। उसके हाथ-पैर ठंडे पड़ जाते थे और फिर वो अपना चेहरा देखता था।
दिन रात सोचते-सोचते उसने सोचा जिसने अपनी जवान औलाद खोई है उससे मिलना चाहिए। इसी ख्याल के साथ वो उनसे मिलने उनके गांव गया और देखा कि दो कमरों के छोटे से घर की छत से सिर छू जाता था फिर मां आई और उसने बताया कि वो उनसे मिलने दूर से आया है। सोहेल ने उनको बताया कि उनके बेटे का दिल उसके अंदर लगा है। ये सुनते ही मां उसे सीने से लगाकर रोने लगी तथा सोहेल भी खूब रोया। सोहेल के अनुसार, ‘अमित के सिवा उनका कोई नहीं था तो मैंने फैसला किया कि अब वो मेरे घर मेरे परिवार के साथ रहेंगी। जहां वे जैसे रहना चाहें रहें। हमारी इबादत के साथ उनकी पूजा भी होगी क्योंकि मैंने अपनी मां खोई और उन्होंने अपना बेटा। अब हमारा रिश्ता ही मां-बेटे का हो गया है।’
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“जब बाहर से लौटे 7 मजदूरों ने गांव के बाहर पेड़ पर बनायी Quarantine unit, वहीं रहेंगे 14 दिन – Trending News in India
चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी थी. कोरोना का उनमें कोई भी लक्षण नहीं पाया गया. चिकित्सकों की सलाह पर सातों युवकों ने गांव के बाहर एक पेड़ पर क्वारेंटाइन यूनिट बना लिया.
पेड़ के अलग-अलग शाखा पर वे अपना बिस्तर लगाये हैं. कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए गांव के सात युवकों का यह निर्णय एक मिसाल बन गया है. हर कोई उनके इस निर्णय का स्वागत कर रहा है.भांगीडी गांव के स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव के सात युवक चेन्नई में कार्य करने गये थे. कोरोना को लेकर देश में अस्थिरता का दौर आरंभ होते ही इनका काम बंद हो गया और यह लोग 22 मार्च को खड़गपुर पहुंचे. यहां चिकित्सकों ने उनकी जांच की.
कोरोना का कोई भी लाक्षण नहीं होने के कारण उन्हें जाने दिया. इन सभी युवकों ने सरकारी दिशानिर्देश और अपनी जिम्मेदारी का पालन करते हुए स्टेशन से सीधे बलरामपुर थाने में आये. अपनी सारी बात बतायी. यहां से उन्हें बलरामपुर प्रखंड ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. यहां भी उनकी जांच की गयी. कोई भी लक्षण नहीं पाया गया. एहतियात के तौर पर चिकित्सकों ने घर में ही 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन में रहने का सुझाव दिया.
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खाली पेट रहकर करता था पुलिस भर्ती की तैयारी, वर्दी पहनते ही लेट गया अपने पिता के पैरों में, जानें वजह – Trending News in India
अच्छे करियर के लिए कुछ लोग काफी संघर्ष करते हैं और किसी भी सूरत में हार नहीं मानते। ऐसे लोग कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने आत्मविश्वास और लगन से सफलता हासिल कर ही लेते हैं। इंडोनेशिया के सेंट्रल सुलेवासी के रहने वाले 19 साल के नवजवान मोहम्मद रिस्की सापुत्रा की कहानी कुछ ऐसी ही है। उसके पिता स्ट्रीट फूड बेचने का काम करते हैं।
मोहम्मद की मां का कहना है कि उनका सबसे छोटा बेटा शुरू से ही पुलिस में भर्ती होना चाहता था। लेकिन गरीबी के काऱण हम उसे इसकी तैयारी करने की सुविधा नहीं मुहैया करा सकते थे। मोहम्मद की मां ने कहा कि वे लोग गरीब हैं। उनके पति स्ट्रीट फूड बेचते हैं और परिवार की आमदनी का यही एकमात्र जरिया है। लेकिन फिर भी उनके बेटे ने हर हाल में पुलिस में भर्ती के लिए तैयारी करने की ठान ली। कई बार तो वह भूखा ही रह जाता था।
आखिरकार, उसकी मेहनत रंग लाई और उसका सिलेक्शन हो गया। अभी मोहम्मद सापुत्रा पालु के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनी है। मार्च में उसकी नियुक्ति हो जाएगी। उसकी मां ने कहा कि तब हम उसके लिए नए कपड़े खरीदेंगे।
मोहम्मद को पुलिस में नियुक्ति की जैसे ही जानकारी मिली, वह खुशी से भाव-विभोर हो गया और आशीर्वाद लेने के लिए सड़क पर ही अपने पिता के पैरों पर गिर गया। देखें इससे जुड़ी कुछ तस्वीरें।
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पोते को गोद में लेने के लिए तरसता रहा दादा, कोरोना के डर से छू नहीं सका, देखकर भावुक हुए लोग, बाहर से देखकर ही मन – Trending News in India
कोरोना वायरस के चलते दुनिया के कई देशोंं में लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है।
इसके साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर दादा-पोते की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इन दादा-पोते की कहानी पढ़कर लोग भावुक हो रहे है। वायरल पोस्ट में दादा अपने नवजात पोते को खिड़की से देख रहा है। वह अपने पोते को गोद में लेना चाहता है और उसे खिलाना चाहता है। लेकिन, कोरोना की वजह से वह उसे छू भी नहीं सकता।
वह सिर्फ खिड़की से देखता रहता है। दादा अपने पोते को गोद में लेने के लिए कोरोना के खत्म होने का इंतजार कर रहा है। यह पोस्ट आयरलैंड में रहने वाले मिशेल की है और इसे उसके भाई एमा ने शेयर की है। फोटो में मिशेल अपने नवजात बेटे फालोन को खिड़की से अपने पिता को दिखा रहा हैं। दादा की उम्र 60 से अधिक होने पर वह अपने पोते को छू नहीं पा रहा है। सोशल मीडिया इस पोस्ट को देखकर लोग भावुक हो रहे है।
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